Sunday, 28 January 2018

कुछ नए मुहावरे

कुछ  नए मुहावरे

जीने पर रजाई छत पर जमाई – मांग पूरी न कर पाना
मेले मे बारिश गले मे खारिश-  मौजूद मस्ती के अवसर पर दुखी रहना
रामलीला मे नीर बरसे तंबू मे तीर तरसे – आकस्मिक हानि होना
घोड़ी पर तिलक डोली मे बिलख – एक ही घटना के भिन्न पहलू
पकड़ मे पल्लू जकड़ मे लल्लू-  घर पर एकछत्र राज चलना
कुत्ते का भौंकना सबका चौंकना-  व्यर्थ अचंभा करना
दही के हुल्लड़ लस्सी के कुल्लड़-  प्रबंध व्यर्थ होना
सर्द घोड़ी घमौड़ी होना – बेतुकी बात होना
पान से स्वागत करना – खातिर न करना
कुम्हार का जुलाहे से बैर होना-  सशक्त शत्रु का होना


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