ख्वाइश ए ख़्वाब है इतनी जनाब
कि इस फिक्र में ही तमाम रात जगे
बदनाम महफ़िल में शरीक क्या हुए
इलज़ाम ना लगे कि कोई इलज़ाम ना लगे
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