Thursday, 4 January 2024

 मेरी काली काली शामें

बन गईं गुलाबी आहें

लिपटती हुई साँसें

छूती अनायास ही बाहें

तू चल संग मेरे

बुलाएं हमें ये लम्बी लम्बी राहें

गुलाब सी खुशबू तेरी

मेरी रुकी सांसें सराहें


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