मेरी काली काली शामें
बन गईं गुलाबी आहें
लिपटती हुई साँसें
छूती अनायास ही बाहें
तू चल संग मेरे
बुलाएं हमें ये लम्बी लम्बी राहें
गुलाब सी खुशबू तेरी
मेरी रुकी सांसें सराहें
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