क्यारी से रिस्ते वर्ण
हैँ भरे उसकी आँखों में
पुष्पगुच्छ हैँ खिलते झूलते
उसकी मुस्कान की डाली पर
पर तरकश हैँ उसके सज्जित
अकेली वो जीवन युद्ध में अग्रसर
आत्मविश्वास का कवच में छिपी
चित्रफलक के हाशिये पर समेटती
रश्मि शर छितरती सतरंगी सुंदरी
No comments:
Post a Comment